एक छोटा सा पौधा
दिल में बड़े अरमान लिये
बढ़ता है अपनी बाँहें फैलाये
आसमान की ओर ।
एक छोटा सा पौधा
मन में प्यार लिये
धीरे धीरे से
पसारता है अपने पाँव
मिट्टी की परतों तले ।
एक छोटा सा पौधा
बुलाता है कुछ तितलियों को
मुस्कुराकर अपने पास
कहता है जीवन की बात
कुछ खास ।
एक छोटा सा पौधा
कुचल दिया जाता है
कुछ बेपरवाह कदमों के तले
और हो जाता है खामोश
बिना किसी शोर के...
बिना किसी जोर के.....