वो जो बड़ी सड़क पर,
कुछ हौंसले चले जा रहे हैं,
कुछ अखबारों, समाचारों ने कहा,
कई जिंदा हैं, कुछ मरे जा रहे हैं ।
कई कहानियाँ,
शहर दर शहर,
नंगे पाँव चल पड़ी हैं ।
पैरों के नीचे,
कुछ फ़टे पुराने सपनों के,
किस्से बिछाए जा रहे हैं ।
कुछ बचपन रोटी की आस में,
मीलों तक उछलते रहे,
अब खेल ये है कि,
एक दूजे के,
छाले सहलाये जा रहे हैं ।
सुना है साहब को,
उस ओर से गुजरना है ,
गाड़ी में,
नए पर्दे लगाए जा रहे हैं ।
कुछ सिसकियाँ हैं,
जो हवाओं में,
बह रहीं हैं सब तरफ,
साहब जिंदाबाद के,
नारे लगाए जा रहे हैं ।
गरीबी के बहुत सवाल,
शोर से करने लगे थे,
सुना है, विदेशों से,
महँगे लोग मँगाये जा रहे हैं ।
कुछ हौंसले चले जा रहे हैं,
कुछ अखबारों, समाचारों ने कहा,
कई जिंदा हैं, कुछ मरे जा रहे हैं ।
कई कहानियाँ,
शहर दर शहर,
नंगे पाँव चल पड़ी हैं ।
पैरों के नीचे,
कुछ फ़टे पुराने सपनों के,
किस्से बिछाए जा रहे हैं ।
कुछ बचपन रोटी की आस में,
मीलों तक उछलते रहे,
अब खेल ये है कि,
एक दूजे के,
छाले सहलाये जा रहे हैं ।
सुना है साहब को,
उस ओर से गुजरना है ,
गाड़ी में,
नए पर्दे लगाए जा रहे हैं ।
कुछ सिसकियाँ हैं,
जो हवाओं में,
बह रहीं हैं सब तरफ,
साहब जिंदाबाद के,
नारे लगाए जा रहे हैं ।
गरीबी के बहुत सवाल,
शोर से करने लगे थे,
सुना है, विदेशों से,
महँगे लोग मँगाये जा रहे हैं ।
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